आईये.. एक उल्लास भर कर जीवन को, हम उत्सव बनायें, जीवन की जीवंत महिमा को, नये -नय आईये.. एक उल्लास भर कर जीवन को, हम उत्सव बनायें, जीवन की जीवंत मह...
चाँद से कह दो चाँदनी ना बिखेरे चाँद से कह दो चाँदनी ना बिखेरे
तुम्हारी आँखों का स्पर्श लिपटता है मेरी देह से तुम्हारी आँखों का स्पर्श लिपटता है मेरी देह से
व्यक्ति की पहचान नाम से, आत्मा की पहचान ध्यान से होती है जैसे.. वैसे ही जीवन में मंज व्यक्ति की पहचान नाम से, आत्मा की पहचान ध्यान से होती है जैसे.. वैसे ही...
तुम रोज ना ऐसे मन के गांव को निचोड़ा करो, तुम रोज ना ऐसे मन के गांव को निचोड़ा करो,
बचा रहे ढीठता का चुटकी भर नमक लज्जा के अंतहीन समुद्र में बचा रहे ऋतुओं में थोड़ा-सा बचा रहे ढीठता का चुटकी भर नमक लज्जा के अंतहीन समुद्र में बचा रहे ऋतुओं ...